नमस्ते दोस्तों! कैसे है आप सब ?
क्या आप अपने जीवन में स्वस्थता, सुख और शांति की खोज में हैं? अगर हां, तो आज हम आपको योग के बारे में बताने जा रहे हैं।
योग एक प्राचीन विज्ञान है जो हमारे दिमाग, शरीर और आत्मा को एक साथ बांधने करने का कार्य करता है। योग हमें स्वस्थ, शक्तिशाली और स्थिर बनाने का मार्ग दिखाता है। योग के जरिए हम अपने शरीर, मन और आत्मा को एक साथ जोड़ सकते है।योग हमारे व्यक्तित्व को पूरी तरह से बदलने की ताकत रखता हैं।
योग एक प्राचीन विज्ञान है जो हमारे दिमाग, शरीर और आत्मा को एक साथ बांधने करने का कार्य करता है। योग हमें स्वस्थ, शक्तिशाली और स्थिर बनाने का मार्ग दिखाता है। योग के जरिए हम अपने शरीर, मन और आत्मा को एक साथ जोड़ सकते है।योग हमारे व्यक्तित्व को पूरी तरह से बदलने की ताकत रखता हैं।
योग के अनेक विधान होते हैं, परंतु उन सभी का उद्देश्य एक ही होता है - संतुलित और सुखी जीवन। योग के माध्यम से हम अपने शरीर की लचीलापन बढ़ाते हैं, मानसिक तनाव को कम करते हैं, विचारशक्ति को विकसित करते हैं, और अच्छी नींद लेते है तथा योग के माध्यम से हम अपने शरीर का वजन घटा और बड़ा सकते है।
तो आज हम वजन घटाने के टॉप 10 योग आसनो की जानकारी आपको देंगे:-
1. सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar):
'सूर्य नमस्कार' का अर्थ है सूर्य को नमस्कार करना है। यह योग आसन शरीर को सही आकार देने और मन को शांत व स्वस्थ रखने का उत्तम तरीका है। इसे दिन में कम से कम 5-6 बार करें।
★सूर्य नमस्कार के लाभ:-
•वजन घटाने में मदद करता है।•मांसपेशियों और जोड़ों को मजबूत करता है।
•त्वचा में सुधार करता है।
•पाचन तंत्र को ठीक रखने में सहायक है।
•नींद नही आने की बीमारी को ठीक करता है।
•समय पर मासिक धर्म सुनिश्चित करता है।(महिलाओ के लिए)
•कंधों को गतिशीलता देता है।
•शरीर मे लचीलापन लाता है।
2. त्रिकोणासन(Trikonasana):
इस आसन में आपकी कमर और पेट की चर्बी को कम करने में मदद मिलती है। इसे बाईतरफ और दाईंतरफ दोनों हाथों के साथ करें।
•शरीर का संतुलन ठीक होता हैं।
•पाचन प्रणाली ठीक होती हैं।
•एसिडिटी से छुटकारा मिलता हैं।
•चिंता, तनाव, कमर और पीठ का दर्द ठीक हो जाता है।
•पेट पर जमी अतिरिक्त चर्बी और मोटापा दूर करने में सहायक आसन माना जाता हैं।
★त्रिकोणासन के लाभ:-
•यह आसन करने से गर्दन, पीठ, कमर और पैर मजबूत होते हैं।•शरीर का संतुलन ठीक होता हैं।
•पाचन प्रणाली ठीक होती हैं।
•एसिडिटी से छुटकारा मिलता हैं।
•चिंता, तनाव, कमर और पीठ का दर्द ठीक हो जाता है।
•पेट पर जमी अतिरिक्त चर्बी और मोटापा दूर करने में सहायक आसन माना जाता हैं।
3.भुजंगासन (Bhujangasana):
इस मुद्रा मैं शरीर साँप की तरह आकृति बनाता है। ये आसन जमीन पर लेटकर और पीठ को मोड़कर किया जाता है। जबकि सिर ऊपर की तरफ उठा हुआ होता है। जैसे साँप अपना फन उठता है वैसे ही इस आसन की मुद्रा होती है।
•कंधों और बाहों को मजबूती प्रदान होता है।
•शरीर में लचीलापन बढ़ता है।
•तनाव और थकान को दूर करता है।
•भुजंगासन से हृदय स्वस्थ रहता है।
•अस्थमा के लक्षणों में आराम मिलता है।
•बेडौल कमर को पतली-सुडौल व आकर्षक बनाता है।
•इसे रोज़ाना करने से लंबाई बढ़ती है।
★भुजंगासन के फायदे:-
•इससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं।•कंधों और बाहों को मजबूती प्रदान होता है।
•शरीर में लचीलापन बढ़ता है।
•तनाव और थकान को दूर करता है।
•भुजंगासन से हृदय स्वस्थ रहता है।
•अस्थमा के लक्षणों में आराम मिलता है।
•बेडौल कमर को पतली-सुडौल व आकर्षक बनाता है।
•इसे रोज़ाना करने से लंबाई बढ़ती है।
4.पवनमुक्तासन(Pawanmuktasana):
पवनमुक्तासन को यह नाम इसलिए दिया गया है। की यह आपके पाचन तंत्र में जो भी अधिक वायु होती है, उसे निकालने में मदद करता है।और पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है।
•पीट दर्द ठीक करने मे मदद करता है।
•पाचन शक्ति बढ़ाता है।
•वजन कम करता है।
•पेट मे गैस की समस्या को ठीक करता है।
★पवनमुक्तासन के फायदे:-
•कब्ज दूर करता है।•पीट दर्द ठीक करने मे मदद करता है।
•पाचन शक्ति बढ़ाता है।
•वजन कम करता है।
•पेट मे गैस की समस्या को ठीक करता है।
5.विपरितकरणासन (Viparita Karani):
इस आसन में विपरीत का अर्थ है ‘उल्टा’ और करनी का अर्थ है ‘करना’। यानी इस आसन को करते हुए आपको पैरों को ऊपर करना होता है। ऐसा माना जाता है। कि यह आसन उम्र के बढ़ती निशानि को दूर कर सकता है और शरीर, रूह व मन को लाभ पहुंचाता है। यह वास्तव में एक बहुत अच्छा और आराम पहुंचाने वाला आसन है। इस आसन को करने से एक नहीं बल्कि कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।
•पाचनतंत्र मजबूत होता है।
•हाई ओर लो ब्लड प्रेशर मैं भी यह आसन फायदेमंद होता है।
•गठिया मैं भी फायदेमंद है।
•इस आसन को करने से इम्युनिटी भी सुधरती है।
• इसके साथ ही माइग्रेन और सिरदर्द में भी राहत मिलती है।
• इस आसन के अभ्यास से पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द में भी काफी आराम मिलता है।
•विपरीत करणी हल्के पीठ दर्द से भी राहत दिलाता है।
★विपरितकरणासन के फायदे:-
•इस आसन को करने से मूत्र से संबंधित समस्याओं मैं सुधार आता है।
•यह आसन करने से कब्ज की शिकायत दूर होती है।•पाचनतंत्र मजबूत होता है।
•हाई ओर लो ब्लड प्रेशर मैं भी यह आसन फायदेमंद होता है।
•गठिया मैं भी फायदेमंद है।
•इस आसन को करने से इम्युनिटी भी सुधरती है।
• इसके साथ ही माइग्रेन और सिरदर्द में भी राहत मिलती है।
• इस आसन के अभ्यास से पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द में भी काफी आराम मिलता है।
•विपरीत करणी हल्के पीठ दर्द से भी राहत दिलाता है।
6.पदहस्तासन (Padahastasana):
पादहस्तासन के आसन से पूरी पीठ पर खिंचाव आता है। ये सिर से लेकर पैर तक पूरे हिस्से पर प्रभाव डालता है।
इस आसन का असर शरीर में पीठ के ऊपरी,मध्य और निचले हिस्से तक है, गर्दन से आसन का असर सिर तक जाता है, फिर माथे तक, और भौंहों के बीच में समाप्त होता है। इस आसन के दौरान शरीर की मांसपेशियां और संयोजी ऊतक पूरे विस्तार में फैल जाते हैं।
• यह आसन करने से दिमाग शांत रहता है और एंग्जाइटी से राहत देता है।
•सिरदर्द और इंसोम्निया की समस्या होने पर आराम देता है।
•पेट के भीतरी पाचन अंगों को सुधारता है।
•वजन कम करने मे सहायक होता है
इस आसन का असर शरीर में पीठ के ऊपरी,मध्य और निचले हिस्से तक है, गर्दन से आसन का असर सिर तक जाता है, फिर माथे तक, और भौंहों के बीच में समाप्त होता है। इस आसन के दौरान शरीर की मांसपेशियां और संयोजी ऊतक पूरे विस्तार में फैल जाते हैं।
★पदहस्तासन की फायदे:-
•यह आसन करने से आपकी पिट,कूल्हे ओर टखनों को अच्छा आराम मिलता है और ये सभी अंग स्ट्रेच हो जाते है।• यह आसन करने से दिमाग शांत रहता है और एंग्जाइटी से राहत देता है।
•सिरदर्द और इंसोम्निया की समस्या होने पर आराम देता है।
•पेट के भीतरी पाचन अंगों को सुधारता है।
•वजन कम करने मे सहायक होता है
7. चक्रासन (Chakrasana):
यह आसन पेट की चर्बी को कम करने के साथ-साथ स्पाइनल कॉर्ड को भी मजबूत करता है। इस आसन को इस तरह करना चाइये पीठ के बल लेट जाएं फिर घुटनों को मोड़ें और एड़ी को जितना हो सके अपने कूल्हों के पास लाएं अब अपने हाथों को उठाएं और उन्हें अपने कानों के किनारे के पास रखे । अपने पैरों के साथ-साथ हथेलियों का उपयोग करके शरीर को ऊपर उठाएं ।वजन को सही तरह से पारो और हाथो पर बाटे ।
•पाचन प्रणाली (डाईजेसन) ठीक होता हैं।
•हड्डिया मजबूत बनती हैं।
•मोटापा काम करने और पेट पर जमी अतिरिक्त चर्बी कम करने में मदद मिलती हैं।
★चक्रासन के लाभ:-
•इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी लचीली और मजबूत बनती हैं।•पाचन प्रणाली (डाईजेसन) ठीक होता हैं।
•हड्डिया मजबूत बनती हैं।
•मोटापा काम करने और पेट पर जमी अतिरिक्त चर्बी कम करने में मदद मिलती हैं।
8.पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana):
पश्चिमोत्तानासन अभ्यास करने का सही तरीका ऐसे है
सबसे पहले बाहर की तरफ सीधी टांगें करके बैठ जाएं और सिर को सीधा रखें। फिर गहरी सांस लेते हुऐ हाथ ऊपर की ओर करें और कमर सीधी रखेंं। इसी मुद्रा में धीरे-धीरे आगे की ओर झुकना शुरू करें और रीढ़ की हड्डी को मुड़ने न दें। जब आगे झुकना बंद हो जाए तो धीरे-धीरे रीढ़ की हड्डी में मोड़ लाएं और सांस छोड़ते रहें।
•हड्डियों को लचीला बनाता है।
•पाचन के लिए फायदेमंद है तथा उसमें सुधार करता है।
•तनाव दूर करने में फायदेमंद होता है।
•पेट की चर्बी दूर करने में मदद करता है।
★पश्चिमोत्तानासन करने के फायदे:-
•नींद न आने की समस्या दूर करता है•हड्डियों को लचीला बनाता है।
•पाचन के लिए फायदेमंद है तथा उसमें सुधार करता है।
•तनाव दूर करने में फायदेमंद होता है।
•पेट की चर्बी दूर करने में मदद करता है।
9.उत्थित पर्वतासन (Uttitha Parvatasana):
यह आसन बाजुओं, पीठ और कंधों की मांसपेशियों को कसता है और वजन घटाने में मदद करता है।
इस योग को इस प्रकार करे:-
सबसे पहले जमीन पर खड़े हो जाएं। अब ताड़ासन की स्थिति में खड़े होने के बाद लंबी गहरी सांस लें और अपने पैरों को खोल लें। लेफ्ट पैर को अंदर की तरफ मोड़ कर राइट पैर को बाहर की तरफ मोड़ने की कोशिश करें। अब ध्यान रखें कि आपकी राइट एडी बाई एडी के साथ होनी चाहिए अब अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और कंधों की सीध में लाएं। अब अपने राइट हाथ की हथेली को नीचे जमीन की तरफ लेकर जाएं और लंबी सांस लेते हुए घुटनों को 90 डिग्री तक मोड़ें और अपने सिर को जांघ तक ले जाने की कोशिश करें। अपने राइट हाथ को राइट पैर के बगल में रखें और अपनी लेफ्ट बाहों को सिर के ऊपर लेकर जाएं। आपकी बाहें कानों को छूनी चाहिए। फिर छाती सामने की तरफ होनी चाहिए। अब इस स्थिति में लेफ्ट हाथ की उंगलियों को देखें। इस स्थिति में तब तक बने रहें जब तक आप संतुलन बनाए रख सकते हैं। अब पहले जैसी अवस्था में आने के लिए सांस लेते हुए ताड़ासन की स्थिति में खड़े हो जाएं।
•कूल्हों, , तथा कंधे, छाती मैं खिंचाव लाता है।
•रीढ़ की हड्डी मजबूत करता है।
•स्टैमिना बढ़ाता है।
• वजन को कम करने मे मदद करता है।
सबसे पहले जमीन पर खड़े हो जाएं। अब ताड़ासन की स्थिति में खड़े होने के बाद लंबी गहरी सांस लें और अपने पैरों को खोल लें। लेफ्ट पैर को अंदर की तरफ मोड़ कर राइट पैर को बाहर की तरफ मोड़ने की कोशिश करें। अब ध्यान रखें कि आपकी राइट एडी बाई एडी के साथ होनी चाहिए अब अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और कंधों की सीध में लाएं। अब अपने राइट हाथ की हथेली को नीचे जमीन की तरफ लेकर जाएं और लंबी सांस लेते हुए घुटनों को 90 डिग्री तक मोड़ें और अपने सिर को जांघ तक ले जाने की कोशिश करें। अपने राइट हाथ को राइट पैर के बगल में रखें और अपनी लेफ्ट बाहों को सिर के ऊपर लेकर जाएं। आपकी बाहें कानों को छूनी चाहिए। फिर छाती सामने की तरफ होनी चाहिए। अब इस स्थिति में लेफ्ट हाथ की उंगलियों को देखें। इस स्थिति में तब तक बने रहें जब तक आप संतुलन बनाए रख सकते हैं। अब पहले जैसी अवस्था में आने के लिए सांस लेते हुए ताड़ासन की स्थिति में खड़े हो जाएं।
★उत्थित पार्श्वकोणासन के फायदे:-
•पैरों, घुटनों और टख़नों में खिचाव लाता है और उन्हे मज़बूत बनाता है।•कूल्हों, , तथा कंधे, छाती मैं खिंचाव लाता है।
•रीढ़ की हड्डी मजबूत करता है।
•स्टैमिना बढ़ाता है।
• वजन को कम करने मे मदद करता है।
10.अर्ध मत्स्येन्द्रासन (Ardha Matsyendrasan):
अर्ध मत्स्येन्द्रासन करने की विधि कुछ इस प्रकार है सबसे पहले लेफ्ट पैर को मोड़ें और राइट घुटने के उपर से लाकर लेफ्ट पैर को जमीन पर रखें। फिर राइट पैर को मोड़ें और पैर को लेफ्ट कूल्हे के निकट जमीन पर आराम से रखें। फिर लेफ्ट पैर के उपर से राइट हाथ को लायें और लेफ्ट पैर के अंगूठे को पकड़ें। इस प्रकार इस आसन को दोबारा दोहराये।
★अर्ध मत्स्येन्द्रासन के फायदे:-
•कूल्हे के जोड़ों को कम कर देता है, और उनमें कठोरता से राहत दिलाता है।•छाती को खोलता है और फेफड़ों में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ जाती है।
•इस योग को करने से रीढ़ की हड्डी का लचीलापन बढ़ाता है, जिस से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
•पीठ के दर्द मैं राहत दिलाता है।
•वजन कम करने मे सहायक होता है।
ये थे वजन घटाने के लिए टॉप10 योग आसन। इन आसनों को हर रोज करने से आप अपने शरीर को स्वस्थ और आकर्षक दिखता है और इन आसान के लगातार प्रयोग से वजन कम कर सकते है। हां, ध्यान दें कि योग आसनों को सही ढंग से करने के लिए एक योग गुरु की मार्गदर्शन और सलाह का लाभ जरूर लें। इसे आप अपने स्वस्थ जीवन जीने के लिए अपना सकते हैं और एक स्वस्थ जीवनशैली का आनंद उठा सकते हैं।
धन्यवाद, और स्वस्थ रहें!